ज्ञान मुद्रा
ज्ञान-मुद्रा विधि: अंगूठे, तर्जनी (पहली) अंगुली के सिरे पर लगा दें। शेष तीनों अंगुलियां सीधी रहेंगी।
स्मरण-शक्ति का विकास होता है और ज्ञान की वृद्धि होती है,
पढ़ने में मन लगता है, मस्तिष्क के स्नायु मजबूत होते हैं,
सिरदर्द दूर होता है तथा अनिद्रा का नाश, स्वभाव में परिवर्तन, अध्यात्म-शक्ति का विकास और क्रोध का नाश होता है।